हेलो मेरा नाम ------- ------- हैं ।
फ्री टाईम में मै अपने लाइफ के कुछ पल आपसे बाटना चाहता हूँ , मेरी कहानी मेरी प्यारी डॉल के लिए जिसे मैं बहुत प्यार करता हूं।
क्या कहूं कुछ समझ नहीं आ रहा है , उसका मुझे अभी कॉल आया था कुछ बोलना चाहती थी पर मै काम कर रहा था इस लिए उसके फोन कॉल का जवाब नही दे पाया । जानता हूँ की अगली कॉल में उससे बहुत कुछ सुनना पड़ेगा । आपको पता है लड़ाई मै ही चालू करता हूं और माफ़ी भी मैं ही मागता हूँ ।
उसको पता है, मै थोड़ा व्यस्त रहता हूं इसलिए भी ओ मुझे माफ़ कर देती हैं।
एक दिन तो मैं उसके मैसेज का जवाब ही नहीं दिया था ये जानते हुए कि वो मुझे मिलने बुलायेगी।
जानता हू की ये गलत है पर मिलने के लिए मुझे उसके आस पास तो भी होना चाहिए।
उस समय तो भाई मै निद्रा लोक में था न , पर थोड़ा देखा की किसका मैसेज आया है पर नींद मे ये देख नही पाया की ये मैसेज मेरी डॉल की है,
अब क्या देखना भाई पुरा दिन खाना नही खाई और चार दिन उसको मनाने में लग गये थे, बहुत कोशिश के बाद ही 😍 मानी
हमारे बीच में कंपटीशन होती रहती हैं की सबसे पहले कौन गुड़ मॉर्निंग बोलेगा हफ्ते में चार दिन तो वो ही बोलती है, कभी - कभी सोचता हू की कंपटीशन जितने के लिए देर रात तक जगती है, 12:00 मे कौन गुड़ मॉर्निंग बोलता है।
यार कंपटीशन जितने के लिए देर रात तक जगना कहॉ की बात हुई।
पर बात देर रात तक जगने कि नही, उसके लिए मुझ पर प्यार जताने की है ,
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मेरी प्यारी भूतनी
पर जानती है उसकी शरारत मुझे पसंद है । पसंद हैै उसकी हर एक हरकत जो मुझे सपनों की एक अलग ही दुनिया में ले जाती है, उसकी बातों को सुन के अनसुना करने का तरीक़ा शायद ही ढूंढ पाऊंगा क्योंकि ऐसी बात ही करती है, जिसको मैं खुद अनसुना नहीं कर पाता हूं मेरी भूतनी जिसकी हर बातों में कुछ खास होता है। जानने को तो बहुत है पर समंदर है मेरी भूतनी शायद यही समुंदर में मेरी नाव जिस दिन तूफान का सामना होगा उस दिन अपने हालात का सामना होगा । पर मेरी प्यारी भूतनी समंदर से निकलकर तूफान से लड़ जाएगी उसकी बातों से लगती है कि हिटलर की अम्मा रही होगी लिखने को बहुत है, उसके बारे में पर कलम को तकलीफ नहीं दे सकता जानता हूं कि वह मेरे मैसेज का इंतजार इस तरह करती है जैसे चकोर पक्षी चंद्रमा की करती है बस एक टक मैसेज के बॉक्स को देखती चली जाती है । भूतनी के बारे में क्या कहूं रात के जितना भी टाइम हो उसे अपना चेहरा दिखाना ही पड़ता है। सारे आशिकों को जिओ नेटवर्क का धन्यवाद करना चाहिए मुझे लगता है लैला मजनू के समय में भी यह नेटवर्क होता तो कहानी कुछ अलग होती उनकी चलो छोड़ो उनकी बात कहानी में ट्विस्ट तब आया जब उसकी मोबाइल खराब हो गई ,अब क्या था उसने अपने दोस्तों को परेशान करने लगी अब रही भाई कीपैड फोन जिसमें टाइपिंग में परेशानी होती है फिर भी करती थी मेरे 10 मैसेज तो उसका सिर्फ एक पर यह ज्यादा दिन नहीं चला उसने अपनी मोबाइल बनवा ली और अब देखो व्हाट्सएप की आधी से आधी मैसेज उसी की होती है, एक का हल नहीं दे पाया 4 प्रश्न और तैयार रखती है उसकी और तैयार भी क्यों ना हो इतने दिन उसके मैसेज तो बंद था ना सोच रहा था कि दिन में हर टाइम प्रश्न तैयार करती थी इसीलिए आज मैसेज में मैसेज भेज रही है उससे ज्यादा खुश तो उसकी सहेली दोस्ती लोग खुश रहे होंगे जिनकी मोबाइल से मैसेज कॉल करती थी । अब पहले जैसा हो गया रात के 11:00 बजे अपना चेहरा दिखाना पड़ता है वीडियो कॉलिंग में वह भी लाइट ऑन कर के कभी-कभी मुझे गुस्सा आ जाता है नींद के कारण आंख बंद तक हो जाती पर उसे मेरे तरफ से पहले गुड नाइट मैसेज उसे जरा भी नहीं पसंद बोलती है चल चुप सुन पहले नहीं सोना है अभी अब उसको नींद लगती है तो बहाने बनाती है बोलती है तुम्हें नींद लग रही होगी सो जाओ ऐसा नहीं बोलती कि मुझे नींद लग रही है ।
और भाई हम तो समझ जाते हैं की देवी को सोना है अब , अब क्या मेरी बारी आती है परेशान करने की जगायें रहता हूं उसे मैं भी , सच कहूं तो सोना नींद क्या होती है यह मैंने उसके मोबाइल खराब थी तो जाना था पर चंद दिनों की खुशी रे बाबा 😁
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👌👌👌
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जवाब देंहटाएंKya janane k liye jwab nahi diya
जवाब देंहटाएंअगर आपको स्टोरी पसंद आये तो फलो जरूर करना।
जवाब देंहटाएंOh no...
जवाब देंहटाएंKya huwa yaar khali time me likh diya isko serious nahi lene ka re baba.
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